परियोजनाओं एवं विभागीय कार्यों में होने वाले शासकीय धन का व्यय
पारदर्शिता के साथ धरातल पर दिखना अनिवार्यः राजीव कुमार
लखनऊ, पंकज सक्सेना। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजीव कुमार ने निर्देश दिये कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 02 हजार राजकीय नलकूपों का निर्माण कराये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाहियां प्राथमिकता से सुनिश्चित कराई जायें। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं एवं विभागीय कार्यों में होने वाले शासकीय धन का व्यय पारदर्शिता के साथ धरातल पर दिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिल्ट सफाई एवं अन्य कराये जाने वाले कार्यों में पारदर्शिता लाने एवं आम जनता को वास्तविकता से अवगत कराने हेतु कार्य कराये जाने के पूर्व की स्थिति तथा कार्य सम्पन्न होने के उपरान्त की प्रगति का नवीनतम तकनीकी युक्त ड्रोन फोटोग्राफी कराये जाने हेतु योजना बनाई जाये ताकि सिंचाई विभाग की छवि आम जनता में और अधिक बेहतर बन सके।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के कार्यों की समीक्षा कर वरिष्ठ अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि हर खेत को पानी पहुंचाने के लिये 20 हजार करोड़ रुपये मुख्यमंत्री कृषि सिंचाई फण्ड के माध्यम से प्राप्त होेने वाली धनराशि का उपयोग प्रदेश में पूर्व से निर्माणाधीन आवश्यक परियोजनाओं को यथाशीघ्र पूर्ण कराकर अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन करने हेतु कार्य योजना बनाई जाये। उन्होंने कहा कि वरूणा नदी केे पुनर्जीवीकरण करने हेतु चेनलाइजेशन एवं तटीय विकास का कार्य 53 प्रतिशत हो जाने के फलस्वरूप अवशेष कार्यों को वर्तमान वित्तीय वर्ष में ही पूर्ण कराने के निर्देश दिये।
श्री राजीव कुमार ने कहा कि किसानों को सिंचाई हेतु रोस्टर के अनुसार पानी उपलब्ध कराने अथवा अन्य सम्बन्धित जानकारियां आम जनता को उपलब्ध कराने हेतु विभागीय वेबसाइट पर अपलोड करते हुये आवश्यकतानुसार प्रचार-प्रसार भी कराया जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निर्मित पुराने बंधों की यथाआवश्यक मरम्मत कराकर उनकी क्षमता वृद्धि कराये जाने हेतु व्यापक कार्य योजना बनाई जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सिंचन क्षमता बढ़ाने हेतु वृहद सिंचाई परियोजना का डी0पी0आर0 तैयार कराया जाये ताकि भारत सरकार से निर्धारित अंश की धनराशि प्राप्त करने हेतु आवश्यक कार्यवाहियां प्राथमिकता से सुनिश्चित हो।
मुख्य सचिव ने बुन्देलखण्ड झांसी जनपद के बबीना ब्लाक में से 15 ग्रामों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराकर 4400 हेक्टेयर सिंचन क्षमता सृजित किये जाने के कार्यों में तेजी लाकर वित्तीय वर्ष 2018-19 में निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना से प्रदेश के बांदा, महोबा एवं झांसी जिले लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि यह उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश राज्य के अन्तर्गत एक बहुउद्देशीय परियोजना है जिसमें सिंचाई, विद्युत उत्पादन, बाढ़ नियंत्रण, मत्स्य पालन एवं पर्यटन क्षेत्रों में लाभ होना प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि परियोजना से बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 265712 हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता सृजित कराने हेतु प्रदेश के सिंचाई मंत्री की ओर से मध्य प्रदेश के सिंचाई मंत्री को पत्र भेजकर परियोजना के क्रियान्वयन में आ रही बाधाओं को दूर करने का प्रयास किया जाये।
बैठक में प्रमुख सचिव, सिंचाई सुरेश चन्द्रा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
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